।।7.10।।

बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम्। बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्।।7.10।।

bījaṁ māṁ sarva-bhūtānāṁ viddhi pārtha sanātanam buddhir buddhimatām asmi tejas tejasvinām aham

bījam—the seed; mām—me; sarva-bhūtānām—of all beings; viddhi—know; pārtha—Arjun, the son of Pritha; sanātanam—the eternal; buddhiḥ—intellect; buddhi-matām—of the intelligent; asmi—(I) am; tejaḥ—splendor; tejasvinām—of the splendid; aham—I

अनुवाद

।।7.10।। हे पृथानन्दन ! सम्पूर्ण प्राणियोंका अनादि बीज मुझे जान। बुद्धिमानोंमें बुद्धि और तेजस्वियोंमें तेज मैं हूँ।

टीका

।।7.10।। व्याख्या--'बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि (टिप्पणी प0 405) पार्थ सनातनम्'--हे पार्थ ! सम्पूर्ण प्राणियोंका सनातन (अविनाशी) बीज मैं हूँ अर्थात् सबका कारण मैं ही हूँ। सम्पूर्ण प्राणी बीजरूप मेरेसे उत्पन्न होते हैं, मेरेमें ही रहते हैं और अन्तमें मेरेमें ही लीन होते हैं। मेरे बिना प्राणीकी स्वतन्त्र सत्ता नहीं है।जितने बीज होते हैं, वे सब वृक्षसे उत्पन्न होते हैं और वृक्ष पैदा करके नष्ट हो जाते

हैं। परन्तु यहाँ जिस बीजका वर्णन है, वह बीज 'सनातन' है अर्थात् आदि-अन्तसे रहित (अनादि एवं अनन्त) है। इसीको नवें अध्यायके अठारहवें श्लोकमें 'अव्यय बीज' कहा गया है। यह चेतन-तत्त्व अव्यय अर्थात् अविनाशी है। यह स्वयं विकार-रहित रहते हुए ही सम्पूर्ण जगत्का उत्पादक, आश्रय और प्रकाशक है तथा जगत्का कारण है।गीतामें 'बीज' शब्द कहीं भगवान् और कहीं जीवात्मा--दोनोंके लिये आया है। यहाँ जो 'बीज' शब्द आया है, वह

भगवान्का वाचक है; क्योंकि यहाँ कारणरूपसे विभूतियोंका वर्णन है। दसवें अध्यायके उन्तालसीवें श्लोकमें विभूतिरूपसे आया बीज शब्द भी भगवान्का ही वाचक है; क्योंकि वहाँ उनको सम्पूर्ण प्राणियोंका कारण कहा गया है। नवें अध्यायके अठारहवें श्लोकमें 'बीज' शब्द भगवान्के लिये आया है; क्योंकि उसी अध्यायके उन्नीसवें श्लोकमें 'सदसच्चाहमर्जुन' पदमें कहा गया है कि कार्य और कारण सब मैं ही हूँ। सब कुछ भगवान् ही होनेसे 'बीज'

शब्द भगवान्का वाचक है। चौदहवें अध्यायके चौथे श्लोकमें 'अहं बीजप्रदः पिता' 'मैं बीज प्रदान करनेवाला पिता हूँ'--ऐसा होनेसे वहाँ 'बीज' शब्द जीवात्माका वाचक है। 'बीज' शब्द जीवात्माका वाचक तभी होता है, जब यह जडके साथ अपना सम्बन्ध मान लेता है, नहीं तो यह भगवान्का स्वरूप ही है।